EU ने गूगल पर लगाया रिकॉर्ड 2.7 अरब डॉलर का जुर्माना, यह था कारण - सौरभ कुमार श्रीवास्तव - Expert Hindi News

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Wednesday, June 28, 2017

EU ने गूगल पर लगाया रिकॉर्ड 2.7 अरब डॉलर का जुर्माना, यह था कारण - सौरभ कुमार श्रीवास्तव

EU ने गूगल पर लगाया रिकॉर्ड 2.7 अरब डॉलर का जुर्माना, यह था कारण - सौरभ कुमार श्रीवास्तव 
इंटरनेट पर सर्च रिजल्ट में हेराफेरी के आरोप में यूरोपियन यूनियन के एंटीट्रस्ट रेग्युलेटर्स ने गूगल की यूनिट अल्फाबेट पर रिकॉर्ड 2.7 बिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी दर्शा दिया कि वो दो अन्य मामलों में भी गूगल के खिलाफ सख्त एक्शन ले सकते हैं।

EU ने गूगल से कहा है कि उसके पास अपनी सर्च इंजन के उपयोग द्वारा नई शॉपिंग सर्विसेस का फेवर करना बंद करने के लिए 90 दिनों का समय है और अगर ऐसा नहीं होता तो उसे अल्फाबेट के औसत डेली ग्लोबल टर्नओवर का 5 प्रतिशत जुर्माने के रूप में भरने के लिए तैयार रहना होगा।
आयोग ने पाया कि गूगल ने नतीजों में अपनी शॉपिंग सर्विसेस को खास जगह दी जबकि अन्य प्रतिस्पर्धियों को नीचे कर दिया।
समाचारपत्र 'द गार्जियन' के मुताबिक, यूरोपीय संघ के अधिकारी आगामी हफ्तों में बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनी को उसके बाजार पर आधिपत्य जमाने का दोषी होने की घोषणा कर सकते हैं।
telegraph.co.uk के अनुसार- EU गूगल से उसके सर्च इंजन में बदलाव की मांग भी कर सकता है जिससे सर्च रिजल्ट में वह अपनी सर्विस के लिए पक्षपाती न दिखे। इसकी जांच 2010 से शुरू हुई थी। इस मामले ने तब अधिक तूल पकड़ा जब अन्य प्राइज-कंपैरिजन वेबसाइट्स ने शिकायतें करते हुए कहा की गूगल ने अपने सर्च रिजल्ट से उनकी सेवाएं हटा दी हैं।
गूगल का यूरोप में इंटरनेट सर्च पर 90 प्रतिशत का शेयर है। इससे गूगल को यह पावर मिल जाती है की वो जहां चाहे यूजर्स को उस तरफ भेज सकता है। गूगल एक पावरफुल टूल के रूप में सामने आता है, जिसके हाथ में यूजर्स को नेविगेट करने की क्षमता है।

गूगल के अनुसार, ऑनलाइन शॉपिंग में कंपनी की एंट्री कंस्यूमर्स और रिटेलर्स दोनों ही के लिए फायदेमंद है। यह बात कहते हुए गूगल ने अपना पक्ष रखा की यह कदम ऑनलाइन शॉपिंग में किसी एकाधिकार के लिए नहीं था। इस के अलावा गूगल, कमीशन के साथ दो अन्य प्रतिस्पर्धिक केस भी लड़ रहा था, जहां कंपनी को भारी जुर्माना देना पड़ सकता है।
गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट पर पिछले साल 90 अरब डॉलर का जुर्माना लगाया गया था, जो गूगल के खरीदारी राजस्व का 30 फीसदी जुर्माना माना गया। गूगल को यह साफ करना होगा की वह भविष्य में अपने खरीदारी व्यवसाय का निर्माण कैसे करना चाहता है और अगर वह ऐसा आयोग द्वारा निर्धारित समय में नहीं कर पाता है तो कंपनी को प्रत्येक दिन के औसत दैनिक कारोबार का 5 फीसदी जुर्माने के रूप में देना होगा। जांच में यह भी सामने आया है कि गूगल ने गलत तरीके से अपनी वेबसाइटों से अपने प्रतिद्वंद्वियों पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसने इसके सर्च बार और विज्ञापनों का इस्तेमाल किया।