स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल करने से ब्रेन ट्यूमर का खतरा ज्यादा- सौरभ कुमार श्रीवास्तव - Expert Hindi News

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Wednesday, August 30, 2017

स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल करने से ब्रेन ट्यूमर का खतरा ज्यादा- सौरभ कुमार श्रीवास्तव

स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल करने से ब्रेन ट्यूमर का खतरा ज्यादा- सौरभ कुमार श्रीवास्तव

आज की दुनिया में जिंदगी जीने के लिए स्मार्टफोन जरूरी हो गया है। इंसान के जागने से सोने तक स्मार्टफोन आपके पास न तो बैचेनी हो जाती है। लेकिन, स्मार्टफोन जितने जरूरी होते जा रहे हैं। उतने ही उससे जुड़े खतरों की बात सामने आने लगी है।
AIIMS की ओर से किए गए विश्लेषण और अनुसंधान से पता चला है कि फोन के लंबे समय तक इस्तेमाल करने से इसमें से निकलने वाली रेडिएशन हमारे दिमाग में ट्यूमर पैदा कर सकती है।
ऐसे बढ़ता है ब्रेन ट्यूमर का खतरा -
AIIMS की तरफ से रेडिएशन पर किए गए विश्लेषण में पता चला है कि मोबाइल के लंबे इस्तेमाल से ब्रेन ट्यूमर का खतरा बढ़ जाता है। रिसर्च में ये माना गया है कि मोबाइल फोन से रेडिएशन निकलती है। लंबे वक्त तक इसके इस्तेमाल से ट्यूमर का खतरा बढ़ जाता है।
यह कहते हैं AIIMS के डॉक्टर -
इस शोध के लेखक और एम्स में न्यूरोलॉजी प्रमुख, डॉ. कामेश्वर प्रसाद ने कहा कि हमें पता चला है कि इंडस्ट्री की ओर से फंड की गईं स्टडीज अच्छी क्वालिटी की नहीं हैं और यह जोखिम को भी कम आंकती है। सरकार की ओर से फंडेड स्टडीज साफ दिखाती है कि फोन के लंबे समय के इस्तेमाल से ब्रेन ट्यूमर का खतरा ज्यादा बढ़ता है।

ब्रेन ट्यूमर का खतरा 1.33 गुना बढ़ा -
अध्ययन के आधार पर दस साल तक एक स्मार्टफोन के इस्तेमाल से ये खतरा बढ़ता है। डॉक्टर प्रसाद के मुताबिक इतने ज्यादा इस्तेमाल से ब्रेन ट्यूमर का खतरा 1.33 गुना बढ़ा है। अगर 100 लोग ब्रेन ट्यूमर से गुजर रहे हैं तो इस रेडिएशन के बढ़ने से यह संख्या 133 हो रही है।
ऐसे कम होगा रेडिएशन का खतरा -
एम्स के न्यूरोलॉजिस्ट के मुताबिक रेडिएशन का खतरा कम करने के लिए हमेशा हैंड्स-फ्री सिस्टम (हेडफोन, हेडसेट) और कम पावर वाले ब्लूटूथ हेडफोन्स का इस्तेमाल करना चाहिए। बच्चों, किशोरों और गर्भवती महिलाओं को बिना हेडफोन्स के फोन पर काफी कम बात करनी चाहिए।