सरकार ने 'लॉकी रैनसमवेयर' वायरस के प्रति चेताया, कर देता है कंप्यूटर लॉक - सौरभ कुमार श्रीवास्तव - Expert Hindi News

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Sunday, September 3, 2017

सरकार ने 'लॉकी रैनसमवेयर' वायरस के प्रति चेताया, कर देता है कंप्यूटर लॉक - सौरभ कुमार श्रीवास्तव

इससे सर्वाधिक प्रभावित होने वाला भारत तीसरा देश।
कंप्यूटर लॉक कर खोलने को 1.5 लाख रुपए फिरौती मांगता है।
सरकार ने 'लॉकी रैनसमवेयर' वायरस के प्रति चेताया, कर देता है कंप्यूटर लॉक - सौरभ कुमार श्रीवास्तव

केंद्र सरकार ने बेहद घातक नए कंप्यूटर वायरस "लॉकी रैनसमवेयर" के प्रति अलर्ट किया है। इस सॉफ्टवेयर वायरस अटैक के जरिये कंप्यूटर को लॉक कर दिया जाता है और उसे अनलॉक करने के लिए फिरौती की मांग की जाती है। एसोचैम की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वायरस से सबसे अधिक नुकसान उठाने वाले देशों में भारत का तीसरा स्थान है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी विभाग के अतिरिक्त सचिव अजय कुमार ने ट्वीट कर शनिवार को बताया कि तेजी से फैल रहे स्पैम "लॉकी रैनसमवेयर" के प्रति सतर्कता बरतें। रैनसमवेयर दरअसल एक घातक सॉफ्टवेयर है। "लॉकी रैनसमवेयर" भेजकर यूजर के कंप्यूटर को पहले तो लॉक कर दिया जाता है। फिर उसे खोलने के लिए आधे बिटक्वाइन मांगे जाते हैं। इनकी कीमत करीब 1.5 लाख रुपए के बराबर है।
साइबर स्वच्छ केंद्र के जरिये जारी की गई चेतावनी में बताया गया है कि आजकल ढेरों स्पैम मेल भेजे जा रहे हैं। आमतौर पर इनका विषय आम होता है ताकि लोग इसे कौतूहलवश खोल लें और इसके जाल में फंस जाएं। कंप्यूटर वायरस भेजने के ताजा अभियान के तहत 2 करोड़ 30 लाख लोगों को अब तक यह स्पैम भेजा जा चुका है। इसके संदेश का विषय आमतौर पर होता है : "प्लीज प्रिंट", "डाक्यूमेंट", "फोटो", "इमेजेस", "स्कैन्स" और "पिक्चर्स" आदि होता है।
"लॉकी रैनसमवेयर" से प्रभावित कंप्यूटर बंद हो जाते हैं या फिर एक्सटेंशन के साथ कोई भी नंबर के साथ डॉट लुकिटस लिखा आता है या फिर डॉट के साथ डियाब्लो6 लिखा आता है। अलर्ट में बताया गया है कि टीओआर ब्राउजर और बिना स्रोत के ब्योरे वाली अनियन साइट खुलने के निर्देश के साथ .5 बिटक्वाइंस बतौर फिरौती मांगे जाते हैं। इसलिए अलर्ट संदेश में यूजर्स को चेताते हुए कहा गया है कि वह कोई भी मेल खोलने से पहले सावधानी बरतें। साथ ही कंपनियां भी एंटी स्पैम सॉफ्टवेयर इंस्टाल करें। साथ ही अपनी स्पैम ब्लॉक लिस्ट को भी अपडेट करें।
बताया जा रहा है कि रैनसमवेयर वानाक्राई सिरीज के क्रम में कई साइबर हमले हो सकते हैं। यूजर को निशाना बनाने के लिए स्पैम फर्जी ड्रापबाक्स वेबसाइटों के लिंक दिखाता है। ताकि धड़ल्ले से "लॉकी रैनसमवेयर" फैल जाए।