आज आप कहीं भी निकलते हैं, तो रास्ते में रुककर किसी से पता पूछने के बजाय मोबाइल पर जीपीएस का सहारा लेना ज्यादा पसंद करते हैं। जीपीएस का उपयोग करने के दौरान आपको यह डर नहीं होता कि कोई आपके गंतव्य की गलत जानकारी दे देगा। आप घर से निकलने के साथ ही पूरा पता और नक्शा अपने फोन पर सर्च कर लेते हैं, जिससे कि आपका फोन हर छोटे-बड़े मोड़ और रास्तों की जानकारी देता रहे। इतना ही नहीं, आज फोन में कई एप्लिकेशंस हैं, जो लोकेशन सर्विस का उपयोग करते हैं।
ऐसे में यदि जीपीएस सिग्नल में थोड़ी भी परेशानी हो, तो आपके लिए बड़ी मुश्किल हो जाती है। जानिए कैसे जीपीएस सिग्नल को बेहतर किया जा सकता है।
यह है जीपीएस -
जीपीएस का आशय है ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम। यह तकनीक आपकी उपस्थिति को बताती है, जैसे आप कहां हैं और किस दिशा में बढ़ रहे हैं आदि। जीपीएस तकनीक का विकास सबसे पहले अमेरिकी सेना द्वारा किया गया था। वर्ष 1973 में अमेरिकी थलसेना ने इसे नौसेना के लिए बनाया था लेकिन 1995 में इस सेवा को आम उपभोक्ताओं के लिए भी पेश कर दिया गया।
स्मार्टफोन में जीपीएस : स्मार्टफोन में जीपीएस के लिए एक सेंसर लगा होता है। यह सेंसर अंतरिक्ष में स्थापित जीपीएस से कम्युनिकेशन कर आपकी उपस्थिति को बताता है। इस सेंसर को फोन में लगे अन्य हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर द्वारा कंट्रोल किया जाता है। ऐसे में कभी-कभी जीपीएस सिग्नल में समस्या आ जाती है। इस स्थिति में यहां दिए गए तरीके से इसका समाधान किया जा सकता है।
पता करें जीपीएस की परेशानी : यदि आपके फोन के जीपीएस में कोई भी समस्या है, तो उसका भी पता लगा सकते हैं। हालांकि इसके लिए फोन में जीपीएस इसेंशियल डाउनलोड करना होगा। इससे जीपीएस में समस्या कमजोर सिग्नल की वजह से है या फिर हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर की वजह से, इसकी जानकारी मिल जाएगी। ऐप मेन्यू में सैटेलाइट का विकल्प मिलेगा। उस पर क्लिक करने से फोन सैटेलाइट से कनेक्ट हो जाएगा। यदि फोन सैटेलाइट से कनेक्ट नहीं हो रहा है, तो इसका मतलब है कि फोन के आसपास कोई मैटेलिक वस्तु है, जो सिग्नल को रोक रही है।
यह स्मार्टफोन केस या फिर कुछ भी हो सकता है। ऐसे में फोन केस से हटाएं। यदि सैटेलाइट सही दिखा रहा है, लेकिन जीपीएस सही तरह से कार्य नहीं कर रहा है, तो समझें कि यह सॉफ्टवेयर की समस्या है।
जीपीएस डाटा को करें रिफ्रेश : कभी-कभी सैटेलाइट सिग्नल न होने की वजह से भी फोन का जीपीएस फ्रीज हो जाता है। ऐसी स्थिति में फोन में जीपीएस स्टेटस या टूलबॉक्स जैसे ऐप्स डाउनलोड कर सकते हैं। ये फोन के जीपीएस डाटा को क्लियर कर उसे फिर से सैटेलाइट से कनेक्ट करने में सक्षम बनाते हैं।
जीपीएस को रखें हाई एक्यूरेसी मोड पर : कई बार लोग फोन में बैटरी की खपत को कम करने के लिए जीपीएस सिग्नल को हाई एक्यूरेसी मोड से हटा देते हैं। बैटरी बचाने के लिए तो यह सही है लेकिन इससे कभी-कभी जीपीएस सटीक जानकारी नहीं देता। यदि कभी लोकेशन सर्च के दौरान आपको लगता है कि जीपीएस सही तरह से कार्य नहीं कर रहा है, तो उसे हाई एक्यूरेसी पर ही रखें। हाई एक्यूरेसी का विकल्प आपको फोन की सेटिंग्स में जाकर लोकेशन में मिलेगा।